1. RAJASTHAN PATRIKA REPORT
Link : http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/sirohi/mughal-gardens-abu-fennel-mahkegi-304932.html
Date & time: 2015-01-16 11:56:49 IST
आबू सौंफ440 अब राष्ट्रपति भवन में भी महकेगी। राष्ट्रपति भवन में सिरोही के इशाक अली की ओर से लगाई गई सौंफ प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने न केवल इसकी तारीफ की, बल्कि वे आबू सौंफ की खुशबू से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में आबू सौंफ के पौधे लगाने की इजाजत दी है। मुगल गार्डन में यह आबू सौंफ-440 के नाम से पहचानी जाएगी। ज्ञात रहे कि मुगल गार्डन में देश के विभिन्न प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले पौधे ही लगाए जाते हैं।
नैशनल इनोवेशन फाउण्डेशन लगाता है प्रदर्शनी ।
राष्ट्रपति भवन परिसर में भारत सरकार के नेशनल इनोवेशन फाउण्डेशन की ओर से प्रगतिशील किसानों को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी लगाई जाती है। इन दिनों मुगल गार्डन में प्रदर्शनी लगी हुई है। इसमें सिरोही जिले के ईशाक अली की सौंफ की प्रदर्शनी भी शामिल है। शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। ईशाक की सौंफ की खुशबू से प्रभावित राष्ट्रपति ने सौंफ के साथ ईशाक की भी प्रशंसा की। उन्होंने इस किस्म की सौंफ के पौधे मुगल गार्डन में लगवाने का आदेश दिया। राष्ट्रपति के सचिव ने इशाक से इस बारे में बातचीत कर बीज की व्यवस्था के लिए कहा।
25 साल की है मेहनत
आबू सौंफ देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन इशाक अली की ओर से तैयार की जा रही सौंफ अन्य से भी अलग है। इशाक के मुताबिक ये करीब पच्चीस साल की मेहनत का नतीजा है। सामान्यतया प्रति हैक्टेयर में 14-15 क्विंटल सौंफ का उत्पादन होता है, लेकिन इशाक अपने खेत में विशेष तकनीक के साथ प्रति हैक्टेयर करीब 30-32 क्विंटल सौंफ उत्पादन ले रहा है। यह बेहतर उत्पादन के साथ-साथ खुशबू, रोग प्रतिरोधक क्षमता व गुणवत्ता भी अच्छी रहती है।
सामान्य सौंफ को बेहतर बनाने के लिए सलेक्ट पद्धति का पैमाना अपनाया गया। इसमें बेहतर पौधे के बीजों को अलग-अलग करके नर्सरी तैयार की गई। फिर उस बीज से अलग खेती करने से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। इसके लिए पूर्व में इशाक राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुका है।
मुगल गार्डन में लगेगी आबू सौंफ-440
इन दिनों राष्ट्रपति भवन में सौंफ की प्रदर्शनी लगी हुई है। शुक्रवार को राष्ट्रपति ने अवलोकन किया। उन्होंने आबू सौंफ से प्रभावित होकर इसके पौधे मुगल गार्डन में लगाने को कहा है। उनके सचिव ने हमसे बीज मांगे हैं। व्यवस्था की जा रही है। यह आबू सौंफ-440 के नाम से जानी जाएगी। यह बात हमारे लिए किसी सम्मान से कम नहीं है।